हर मन कृष्णा गीत के गुण गाए....
का लिखुंगी कान्हा
कोई बात नहीं
तेरे जाने का
तुझे हर्ष है, हमें
तो आघात सही।
***
अब कैसी दिन है
और कैसी रात,
किसे खबर है यह
और किसको पता
यहां सारे बात।
***
अब तो बस चारों
ओर तेरी प्यास
अब तो ना किसी
को कोई सुध,अब
यमुना भी उदास।
***
गौ ना घास खाए
वो भी निरंतर अश्रु
बहाए, विलाप कर
रही लता-पताए
नदियां-झरने भी
झड़ी-सूखी जाए
***
व्याकुल हैं तेरे
बिन, सारे वासी
सबको है तेरी
वही याद सताए
देख रहे तेरी
राह, हर मन कृष्णा
गीत के गुण गाए।
***
-©® Khushi Kandu Leelanath
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