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Showing posts from May, 2020

◆ Depression (अवसाद), शिकार या सुधार। किस स्थिति में हैं आप? ◆

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(विश्व स्वास्थ्य दिवस ७ अप्रैल) "डिप्रेशन (अवसाद) एक प्रकार की मानसिक बिमारी व आशांति है।"   अवसाद का सम्बन्ध मस्तिष्क के उन हिस्सों से है, जहां से निद्रा, जागरण व चेतना की स्थिति नियंत्रित होती है।       क्या है कारण?   सामाजिक व पारिवारिक कारण:-  आज के दौर में डिप्रेशन (अवसाद) का शिकार होना बहुत सामान्य सी बात बन गई है। एक सामान्य व्यक्ति भी कब डिप्रेशन का शिकार हो जाता है पता ही नहीं चलता। आज व्यक्ति मानसिक दृष्टि से इतना कमजोर हो चुका है कि उसके जीवन में ज़रा सा उतार-चढाव क्या आता है, कि उस विषय में इतना सोचता है कि खुद को अवसाद ग्रस्त बना लेता है और यही अवसाद उसे अत्महत्या की ओर ले जाता है। वर्तमान में युवा वर्ग विशेष कर स्टूडेंट्स में यह अधिक देखने को मिलता है। बड़े होने के साथ-साथ पढ़ाई का दबाव और जिम्मेदारियों का बढ़ना उन्हें असहज और अप्रिय माहौल लगने लगता और जब वे उसमें जल्दी सामांंज्स्य नहीं बिठा पाते तब लगातार उस बारे में सोचने लगते हैं और यह उन्हें बड़ा ही असम्भव सा लगता जिसको लेकर वे बहुत चिंतित हो जाते हैं। जो आगे चलकर उनकी यह स्थिति 'अनिद्रा' म

कोरोना- एक प्राकृतिक आपदा के रूप में....

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(कोरोना) कोरोना एक महामारी है कुदरत की चिंगारी है। है रुष्ट अब धरा भी प्रकृति का ह्रास हुआ। है जनजीवन संकट में सत्य का नाश हुआ। जल, थल, नभचर का  घर मानव ने उजाड़ा है। उनका भी हक़ है धरती पर आख़िर उन्होंने क्या बिगाड़ा है? पृथ्वी की गोद में सबको समान अधिकार है। जो ना समझे इस मर्म को उसको धिक्कार है। प्रकृति का दोहन छोड़ के प्रति मानव पेड़ लगाओ। विकास गति थोड़ी धीमी कर इस संसार को स्वर्ग बनाओ। - ©ख़ुशी कान्दू