Posts

Showing posts from March, 2018

सबक.....✏

Image
इक पंछी उड़ा अज़नबी शहर की ओर : ले ताना-बाना बुनने को,अपने सपनो की डोर।  ट्रेन अपने निर्धारित स्टेशन पे रुकी और सीटी बजते ही मैं नींद से जागा आँख मलते हुए बाहर देखा तो मेरा स्टेशन आ चुका था। मैं उतरने के लिए अपना सामान समेटने लगा और ट्रेन से उतरकर कैंटीन की तरफ़ बढ़ा, गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी इस कारण आने जाने वालों की भीड़ भी जबर्दस्त थी। गर्मी और भीड़ देखकर मैं ऊफ करना चाहा। पर करता भी क्या मैं, ये पेट जो भूख का मारा था। मन ही मन सोचने लगा जो सुकून अपने घर और गांव में है वो कहीं और नही है।  मैं काउन्टर पर पहुंच कर मेन्यू कार्ड देखते हुये छोला-चावल का आर्डर देकर फिर से अपने बेंच पर आकर बैठ जाता हूं। और अपने सपनों में खो जाता हूं, मैं  नये शहर में आकर काफ़ी रोमांचित था पर कहीं-न-कहीं मेरे मन में इक भय भी था कि इस नये शहर में स्वयं को स्थापित कर पाऊंगा भी या नही। फिर भी मैं स्वयं का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं इसलिए स्वयं को तसल्ली देते हुए मन ही मन दृढ़ निश्चय करने लगा और घर की स्थिती को बदलने के बारे में सोचने लगा। पर वक्त के बारे में कौन जानता है। तभी सामने से आवाज़ आती है भ

{विश्व रंगमंच दिवस।}

Image
   ( विश्व रंगमंच दिवस २७ मार्च ) इस धरा पे रची बसी इक और नयी मिसाल । किरदारों से अपने है रचता इक नया इतिहास । गली नुक्कड़, नाटक आदि, हैं इसके अनेक नाम। कभी सांवली कभी सवेरा बनकर,  है करता जग का उत्थान। कभी राम कभी रहीम बनकर, कलाकार  है देता इसको इक नया मुकाम। हर रोज़ गढ़ी जाती हैं इस घर में इक नयी कहानी। भव्यता नही सूक्ष्मता से, अश्लीलता नही शालीनता से ये ज़िक्र नही है फिल्मों का, ये है हमारे रंगमंच की पहचान।

रुकना मना है...

Image
यहाँ रुकना मना है ; हालातों से लड़ना नही। संघर्ष करते जाना ; कभी ठहरना नही।  चलते ही जाओ ; रास्ते ख़ुद करीब आएंगे। फिर ग़म नही ; तेरे होंठ मुस्कुरायेंगे। आज वक्त को तेरे; हुनर की तलाश है । इसीलिए तू अभी से ; इसे तरास ले। नामुमक़िन नही बस ; ज़रा सा मुश्क़िल है। जी हाँ ये वही शुरुआत है; फिर ख़ुद कहोगे! आगे का रास्ता तो  बड़ा ही साफ है। बस सब्र से काम लेना; और ज़रा सा ध्यान देना। कि कहीं कोई ; कर ना दे गुस्ताख़ी  और बेईमानी से छीन ले बाज़ी। भला क्या कसूर उसका; वो भी तो वक्त का मारा है। हो सके तो तुम ; बनना उसका भी सहारा । सेवा पोशी करके तुम; तुच्छ नही महान बनोगे । जन-जीवन के लिए भगवान बनोगे। कमज़ोर का सहारा बनना; शक्तिशाली का नही। उसकी दुआ से तेरा  हाथ ना होगा खाली कभी। बस ऐसे ही चलते जाना; कभी रुकना नही । संघर्ष करते जाना ; कभी ठहरना नही ।   https://khushithought.blogspot.com

विश्व कविता दिवस पर विशेष

काव्य के बिना संसार की कल्पना करना मात्र निरर्थक ही नहीं, नीरस भी है। ब्रह्मा दारा सृष्टि की रचना किये लाखों और करोड़ों बर्ष पश्चात भी काव्य और कला की लोकप्रियता जैसी की तैसी है। ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की निमार्ण और पृथ्वी पर मनुष्यों की उत्पत्ति के बाद भी वह अपने इस कार्य से असंतुष्ट रहते हैं। तत्पश्चात माँ सरस्वती ब्रह्म देव द्वारा आज्ञा पाकर काव्य, कला और संगीत का निर्माण करती हैं। जिस कारण इनको संगीत की देवी भी कहा गया। हालाँकि इस आधुनिक युग में मनोरंजन के कई और साधन भी मौजूद हैं। आज सबसे बड़ा मनोरंजन का साधन चलचित्र  (फिल्में) हैं। किन्तु इतिहास में काव्य, कविताएँ और कवियों की अपना अलग स्थान रहा है। प्रथम विश्व कवि महर्षि वाल्मीकि ने "रामायण" जैसे महाकाव्य की रचना कर इस संसार को प्रेम, त्याग, क्षमा, बलिदान, और एकता का संदेश देते हुए अपनी इस उत्कृष्ट काव्य-रचना को सदा - सदा के लिए अजर अमर किया है। इसी कड़ी में "महाभारत" भी काव्य की दुनिया में अलग इतिहास रचता है। अगर बात करें इस आधुनिक युगीन काव्य की तो इस युग में भी काव्यों का महत्व कम नही है। युगों युगान्तर

Kahat Kabir Suno Bhai Sadho

Image

My First Blog

Image
Khushi Kandu Hello Everybody this is my official blog, so keep support :)