रुकना मना है...


यहाँ रुकना मना है ;
हालातों से लड़ना नही।
संघर्ष करते जाना ;
कभी ठहरना नही। 

चलते ही जाओ ;
रास्ते ख़ुद करीब आएंगे।
फिर ग़म नही ;
तेरे होंठ मुस्कुरायेंगे।

आज वक्त को तेरे;
हुनर की तलाश है ।
इसीलिए तू अभी से ;
इसे तरास ले।

नामुमक़िन नही बस ;
ज़रा सा मुश्क़िल है।
जी हाँ ये वही शुरुआत है;
फिर ख़ुद कहोगे!
आगे का रास्ता तो 
बड़ा ही साफ है।

बस सब्र से काम लेना;
और ज़रा सा ध्यान देना।
कि कहीं कोई ;
कर ना दे गुस्ताख़ी 
और बेईमानी से छीन ले बाज़ी।

भला क्या कसूर उसका;
वो भी तो वक्त का मारा है।
हो सके तो तुम ;
बनना उसका भी सहारा ।

सेवा पोशी करके तुम;
तुच्छ नही महान बनोगे ।
जन-जीवन के लिए भगवान बनोगे।

कमज़ोर का सहारा बनना;
शक्तिशाली का नही।
उसकी दुआ से तेरा 
हाथ ना होगा खाली कभी।

बस ऐसे ही चलते जाना;
कभी रुकना नही ।
संघर्ष करते जाना ;
कभी ठहरना नही ।
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