【बाला हूं इस देश की!】


बाला हूं इस देश की, 
कुछ फ़र्ज मेरे भी नाम हैं।
सीमा पर जाकर लड़ नहीं सकती,
इसलिए मेरी दुआ हमेशा वीरों के साथ है।
।।
जिन्होंने घर-आंगन को छोड़ा है,
और मां की ममता से भी मुंह मोड़ा है।
जिन्होंने सरहद पर जाकर, 
अपना दम तोड़ा है।
।।
करता है देश की रखवाली,
अपनों का दामन छोड़ा है।
ज़िंदगी भी उनकी क्या खूब ज़िंदगी है,
खुद के ख़्वाबों को छोड़कर 
गैरों के सपनों को ओढ़ा है।
।।
सोते हैं हम चैन से अपने घरों में,
ये वीरों की ही पहरेदारी है
जिसने जगते-जगते, 
पूरी रात गुज़ारी है।
।।
ग़र आज मुल्क आज़ाद है,
और हर तरफ खुशहाली है।
ये लहलहाती फसल,
और चारों तरफ हरियाली है।
।।
ये शहीदों के ही कुर्बानी का फल है
जो शाश्वत और अटल है।
जो देश की सेवा में हर क्षण
तत्पर और निश्छल हैं।
।।
यह विरासत हमने, 
शहीदों की ही बदौलत पाया है।
जिन्होंने अपने प्राणों को दांव पर
 लगाकर, ये इतिहास बनाया है।
।।
शत-शत नमन ऐसे शूरवीरों को, 
जो भारत मां के लाल हैं।
जो इस देश के प्रहरी, जिनका
 हृदय हिमालय की भांति विशाल है।


                                                 -©K.K.'Leelanath'



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