बालिका दिवस।
बेटियाँ!
हैं इस संसार में बहुमूल्य खजाना
सहेजना, सम्मान देना, प्यार देना।
तुम इन्हें कभी ना गंवाना!
फ़ुर्सत के दो पल निकालना और
ज़रा सोचना,
क्या किया है उसने कभी शिकवा या
कोई बहाना।
निरन्तर से चली आ रही विधान को
है उसने माना,
कभी धर्म, कभी संस्कृति मान कर
है उसे निभाया।
https/khushithoughtblogspot.com
Awesome poetry 👍.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletevery nice....
ReplyDeleteThanks
Delete