【विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 जुलाई।】
संरक्षण करो प्रकृति का, संवर्धन हो इस धरती का।
हमारे चारों ओर घिरा हुआ 'आवरण' अर्थात पर्यावरण।
आज के समय में हम तकनीकी क्षेत्र मेंं इतना आगे निकल चुके हैं कि अपनी आवश्यकता से कहीं अधिक आविष्कार और तरह-तरह की मशीनों का निर्माण कर चुके हैं। किन्तु क्या आपने कभी ये सोचा कि ये हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है या नहीं? क्या हमारा जीवन इन्हींं मशीनों पर निर्भर करता? क्या विज्ञान और तकनीक ही अब हमारी प्राथमिकता है? यदि आपका जवाब हां है तो आप पूर्णता ग़लत हैं।
हां! विज्ञान के कारण हजारों आविष्कार सम्भव हो पाए हैं, विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन को सरल व सुखमय अवश्य बनाया है, किन्तु कभी-न-कभी धन-जन के हानि का कारण विज्ञान भी बना है, यदि विज्ञान वरदान है तो अभिशाप भी है; और पूर्णता इन्हींं मशीनों पर निर्भर रहना सरासर ग़लत भी है।
आख़िर कब तक हम कृत्रिम वस्तुओं का सहारा लेकर स्वयं को सुरक्षित रखेंगे। आज दिन-प्रतिदिन गर्मी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और हम ए.सी. व रेफ्रिजरेटर का उपयोग कर, गर्मी कम करने का एकमात्र साधन समझते हैं; किन्तु यह कितना घातक है हममें से शायद कुछ लोगों को ही पता हो।
रेफ्रिजरेटर से निकलने वाली गैस क्लोरो फ्लोरो कार्बन हमारे ओजोन परत (ozone layer) को दिन-प्रतिदिन थिन कर रही है। ओजोन परत जोकि हमारे लिए सुरक्षा कवच का कार्य करता है।
जो सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV Rays) को पृथ्वी पर आने से रोकती है। पराबैंगनी किरणें स्किन कैंसर, आंखों से सम्बंधित रोग, त्वचा रोग के लिए मुख्य कारण है।
इसके अलावा सड़क पर चलने वाले वाहन जिनसे निकलने वाला धुआं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा लगातार तापमान में वृद्धि कर रहा है।
शहरीकरण के नाम पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भी 'गर्मी, सूखा, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, ग्लोबल वार्मिंग' का मुख्य कारण है।
सर्वप्रथम पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की देख-रेख करना हमारी पहली प्राथमिकता है, ना कि मशीनों का संग्रहण करना। क्योंकि यही हमारे जीवन जीने का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। प्रकृति और मानव दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। मानव से ''प्रकृति'' है और प्रकृति से ही हम-सब हैं।
हां! विज्ञान के कारण हजारों आविष्कार सम्भव हो पाए हैं, विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन को सरल व सुखमय अवश्य बनाया है, किन्तु कभी-न-कभी धन-जन के हानि का कारण विज्ञान भी बना है, यदि विज्ञान वरदान है तो अभिशाप भी है; और पूर्णता इन्हींं मशीनों पर निर्भर रहना सरासर ग़लत भी है।
आख़िर कब तक हम कृत्रिम वस्तुओं का सहारा लेकर स्वयं को सुरक्षित रखेंगे। आज दिन-प्रतिदिन गर्मी का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और हम ए.सी. व रेफ्रिजरेटर का उपयोग कर, गर्मी कम करने का एकमात्र साधन समझते हैं; किन्तु यह कितना घातक है हममें से शायद कुछ लोगों को ही पता हो।
रेफ्रिजरेटर से निकलने वाली गैस क्लोरो फ्लोरो कार्बन हमारे ओजोन परत (ozone layer) को दिन-प्रतिदिन थिन कर रही है। ओजोन परत जोकि हमारे लिए सुरक्षा कवच का कार्य करता है।
जो सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV Rays) को पृथ्वी पर आने से रोकती है। पराबैंगनी किरणें स्किन कैंसर, आंखों से सम्बंधित रोग, त्वचा रोग के लिए मुख्य कारण है।
इसके अलावा सड़क पर चलने वाले वाहन जिनसे निकलने वाला धुआं जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा लगातार तापमान में वृद्धि कर रहा है।
शहरीकरण के नाम पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भी 'गर्मी, सूखा, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, ग्लोबल वार्मिंग' का मुख्य कारण है।
सर्वप्रथम पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की देख-रेख करना हमारी पहली प्राथमिकता है, ना कि मशीनों का संग्रहण करना। क्योंकि यही हमारे जीवन जीने का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। प्रकृति और मानव दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। मानव से ''प्रकृति'' है और प्रकृति से ही हम-सब हैं।
एक 'पेड़' सौ पुत्र समान।।
पेड़ बिना नहीं किसी का कल्यान।
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ।
Superb
ReplyDeleteThank you.
Deletewell done..
ReplyDeleteawesome written.
Thank you.
DeleteSuper Se Uper
ReplyDeleteKya khub likha he..☘️🍀
ReplyDeleteNice writein..👍
Super job..👌
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Thank you ❤
DeleteYa it's right👍.It's our responsibility that we think about these factors & protect our environment from it.
ReplyDeleteYaa! Well said.
DeleteThank you ❤❤❤🙏