आजकल तो शॉर्टकट बोलने का ज़माना है मुँह में जो आ जाए बन जाता वही फ़साना है। कभी पी.एम. रात्रि को सुबह ए.एम. मैत्री से मिलने जाना है।। कभी पी.एम. मंत्री को सी.एम. मंत्री साहिबा को आंख दिखाना है।। कभी बी.एफ. तो कभी जी.एफ.। कभी बी.एफ.एफ. तो कभी जी.एफ.एफ. को ढूंढते-ढूंढते गूगल पे ही थक जाना है।। हास्यप्रद दशा देखो मानव की। कभी एफ.एम. रेडियो तो कभी एम.एफ. को उल्टा करके मेल-फिमेल बनाना है।। https://khushiThought.blogspot.com Fb.me/Khushikanduthought