【सो जाओ मोहन रैन आई...】
सो जाओ मोहन रैन आई विश्राम करो नैन अलसाई। आंखें मूंदत भोर मा जागत उठत क्रीड़ा संध्या धावत। रात्रि आई फिर घर आवत भोजन कर माखन खावत। सो जाओ मोहन रैन आई विश्राम करो नैन अलसाई।। प्रातः उठ वही दोहरावत उठत खावत पुनः धावत वही लाड प्यार है पावत माता को भी यह भावत सो जाओ मोहन रैन आई विश्राम करो नैन अलसाई।।